September 14, 2024 5:26 am

देश हित मे......

Sikkim Flash Floods: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में 10 लोगों की मौत, 22 जवानों समेत 49 लापता, जानें अब तक के 10 बड़े अपडेट

गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से बुधवार को तीस्ता नदी बेसिन में अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 23 सेना कर्मियों सहित 82 अन्य लापता हो गए. अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई. राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किमी दूर सिंगताम में एक स्टील पुल, जिसे इंद्रेनी पुल के नाम से जाना जाता है, बुधवार तड़के उफनती तीस्ता नदी में पूरी तरह से बह गया.

गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) महेंद्र छेत्री ने कहा, ‘गोलिटर और सिंगतम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं.’ अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में से 3 उत्तरी बंगाल में बह गए. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सेना के जवानों के अलावा, 26 नागरिक अब भी लापता हैं, जबकि 45 लोगों को बचाया गया, जिनमें 18 घायल हैं. हम आपको बता रहे हैं सिक्किम में 3 अक्टूबर की मध्य रात्रि अचानाक आई बाढ़ के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ…

लापता 23 सैन्यकर्मियों में से एक को बचा लिया गया है. सेना ने कहा कि जवान की हालत स्थिर है और वह चिकित्सा देखभाल में है. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि फ्लैश फ्लड में सेना के 23 जवान लापता हो गए थे और 41 वाहन पानी के साथ आए मलबे में डूब गए.

रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि संचार व्यवस्था ठप होने के कारण लापता कर्मियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. एनडीआरएफ ने दक्षिण बंगाल में 6, उत्तरी बंगाल में 3 और सिक्किम में एक टीम तैनात की है. सिक्किम सरकार ने कहा कि फ्लैश फ्लड को आपदा घोषित कर दिया गया है.

उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक पर बादल फटने से लेक की दीवारें टूट गईं और बड़ी मात्रा में पानी पहाड़ों से मलबा लेकर घाटी की ओर बढ़ा. इस बीच रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर अचानक 15-20 फीट की ऊंचाई तक बढ़ गया. इस कारण नदी ने और रौद्र रूप ले लिया और सेना के प्रतिष्ठान समेत दर्जनों सार्वजनिक व निजी बुनियादे ढांचे उसकी चपेट में आ गए.

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि ‘ल्होनक झील के कुछ हिस्सों में बादल फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन के निचले हिस्से में बहुत तेज गति से जल स्तर बढ़ गया’ जिससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची में कई प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो गए. मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निगरानी रखने को कहा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग से बात की और हालात का जायजा लिया. एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, ‘सिक्किम के सीएम से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया. चुनौती से निपटने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. मैं प्रभावित सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं.’ कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) ने सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की.

सिक्किम के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति को राज्य की ताजा स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने समिति को राहत और बचाव उपाय करने में राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि तीस्ता नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि का प्राथमिक कारण अत्यधिक वर्षा और उत्तरी सिक्किम में साउथ ल्होनक लेक में GLOF (ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड) घटना का संभावित संयोजन प्रतीत होता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की और सिक्किम के ल्होनक में ग्लेशियल आउटबर्स्ट को ‘बेहद हृदय विदारक’ बताया. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘सिक्किम के ल्होनक में ग्लेशियल लेक का फटना अत्यंत हृदय विदारक है. बेहद खराब मौसम के बीच राहत और बचाव कार्य जारी है. उन सेना कर्मियों की भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं, जो इस त्रासदी के कारण लापता हैं.’

मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए. उत्तरी बंगाल और बांग्लादेश, जहां से होकर तीस्ता बहती है, के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है.

सिक्किम राज्य सरकार की मदद से स्थानीय प्रशासन ने कई राहत शिविर बनाए हैं, जहां सैकड़ों लोग शरण लिए हुए हैं. बादल फटने की घटना से पहले और बाद में ल्होनक झील में क्या बदलाव आए, उसकी जानकारी इसरो (ISRO) ने दी है. 17 सितंबर और 28 सितंबर के बीच यानी त्रासदी से पहले और बुधवार सुबह 6 बजे ली गई सैटेलाइट तस्वीरों को इसरो ने साझा किया है.

इसरो के एक बयान में कहा गया है, ‘सैटेलाइट चित्रों में यह देखा गया है कि ल्होनक झील फट गई है और लगभग 105 हेक्टेयर क्षेत्र बह गया (28 सितंबर 2023 की छवि बनाम 04 अक्टूबर 2023 की छवि), जिससे नीचे की ओर अचानक बाढ़ आ गई होगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि वह सैटेलाइट डेटा का उपयोग करके आगे भी झील की निगरानी जारी रखेगा.

.

FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 07:28 IST

Source link

traffictail
Author: traffictail

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बरेली। पोल पर काम करते संविदा कर्मचारी को लगा करंट, लाइनमैन शेर सिंह की मौके पर ही मौत, घंटो पोल पर लटका रहा शव, परिजनों ने लगाया विभाग पर लापरवाही का आरोप, बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के एफसीआई गोदाम के पास की घटना, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा,

सहारा ग्रुप के सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा श्री का मुंबई मे मंगलवार देर रात निधन, लंबे समय से बीमार चल रहे थे सहारा श्री, उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल मे चल रहा था। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा,जहा उन्हे अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।

Weather Forecast

DELHI WEATHER

पंचांग