हाइलाइट्स
इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 1400 पार.
इजरायल में हमास के हमले में 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
तेल अवीवः सोमवार को तीसरे दिन भी इजरायल और फिलिस्तिन समूह हमास के बीच संघर्ष जारी रहने के बीच दुनिया भर के देश इजरायल के समर्थन में आए हैं. जबकि कई अन्य देशों ने फिलिस्तिन सशस्त्र समूह हमास का समर्थन किया है. इस बीच इजरायल के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि लगभग 84 देशों ने इजरायल का समर्थन करते हुए हमास के हमलों की निंदा की है. वहीं कई देशों ने, विशेषकर मध्य पूर्व में, हमास के आश्चर्यजनक हमले की प्रशंसा की है. इजरायल और हमास के बीच जारी हमले में अब तक मरने वालों की संख्या 1,300 से अधिक हो गई है.
इजरायल को समर्थन करने वाले देश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल का समर्थन किया है. अपना समर्थन दिखाने के लिए, बाइडन ने अमेरिकी जहाजों और जंगी जहाजों को भी इजरायल की सीमा पर तैनात करने का आदेश देते हुए और नई सैन्य सहायता भेजी है. बाइडन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी बात की है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इजरायल के समर्थन में बयान जारी किया है. उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू से बात करते हुए कहा है कि ब्रिटेन “स्पष्ट रूप से” इजरायल के साथ खड़ा है.
इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इजरायल पर किए गए हमले की निंदा की और देश के लिए फ्रांस के समर्थन की पुष्टि की. उन्होंने इजरायली समकक्ष इसहाक हर्ज़ोग और इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ भी बातचीत की. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने भी इजरायल का समर्थन करते हुए गाजा पट्टी पर हमले का समर्थन किया है. नॉर्वे ने इजरायली नागरिकों पर आश्चर्यजनक फिलिस्तिन हमलों की निंदा की है और विदेश मंत्री एनिकेन ह्यूटफेल्ट ने कहा है कि देश इजरायली नागरिकों पर हमलों की कड़ी निंदा करता है.
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ऑस्ट्रिया, जर्मनी, भारत, कनाडा, पोलैंड, स्पेन और यूरोपीय संघ सहित कई अन्य देशों ने भी इजराइल के लिए समर्थन व्यक्त किया है. जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने रविवार को कहा कि इजरायल को “बर्बर हमलों” के खिलाफ खुद का बचाव करने और “अपने नागरिकों की रक्षा करने और हमलावरों का पीछा करने का अधिकार है.”
हमास के समर्थन में आए कई देश
चरमपंथी संगठन हमास के समर्थन में भी कई देश सामने आए हैं. इसी कड़ी में ईरान सहित कई देशों ने हमास का समर्थन किया है. ईरान ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीन मुद्दे के समर्थन में रहा है और ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह वर्तमान में लेबनान सीमा के पास इजरायल पर हमला करने वाले संघर्ष में शामिल है. सत्तारूढ़ अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस ने भी हमास के समर्थन में बयान जारी किया है.
इसके अलावा यमन में, राजधानी सना पर नियंत्रण रखने वाले हूथी विद्रोहियों ने भी हमास के हमलों को सही ठहराया है. जारी संघर्ष के बीच, सऊदी अरब ने दो-राज्य समाधान का आह्वान किया है और युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की है. कतर, जो 2012 से हमास के राजनीतिक कार्यालय की मेजबानी कर रहा है, ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए केवल इज़राइल जिम्मेदार है.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 07:30 IST